भोलेनाथ मेरे मरने से पहले, ऐसी चिलम पिला देना (Bholenath Mere Marne Se Pahle Aisi Chilam Pila Dena)

भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,

ऐसी चिलम पिला देना,

पी कर सीधा स्वर्ग में पहुंचूं,

ऐसी दम लगवा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


खोटे काम अगर गलती से,

हो गए होंगे जीवन में,

जाने अनजाने में अगर कुछ,

पाप उठे होंगे मन में,

पाप ये कोई देख ना पाए,

पाप ये कोई देख ना पाए,

मुंह पर कफ़न ओढ़ा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


घर से जब शमशान घाट तक,

अर्थी लेकर लोग चले,

दो हंडी में औघड़दानी,

सत्कर्मो की आग जले,

मिट जाए हर एक बुराई,

मिट जाए हर एक बुराई,

ऐसा धुआँ उठा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


चन्दन की लकड़ी चाहे,

मेरी चिता सजाओ ना,

भव सागर से तर जाएंगे,

गंगा जल भी पिलाओ ना,

हे महाकाल चिता पर मेरी,

हे महाकाल चिता पर मेरी,

अपनी भस्म ओढ़ा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


मुक्ति की वो चिलम हो भोले,

मोह माया का गांजा हो,

जिसके धुंए से लोभी मन को,

हमने बढ़िया मांजा हो,

परम धन्य हो जाऊं निरंजन,

परम धन्य हो जाऊं निरंजन,

ऐसी कृपा बरसा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,

ऐसी चिलम पिला देना,

पी कर सीधा स्वर्ग में पहुंचूं,

ऐसी दम लगवा देना,

भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥


........................................................................................................
जय भोले शंकर जय गंगाधारी (Jai Bhole Shankar Jai Gangadhari)

जय भोले शंकर जय गंगाधारी,
देवो के देवा हे महादेवा,

बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा (Baba Karle Tu Ithe Bhi Nazar Bhagat Koi Rota Hoyega)

बाबा करले तू इत्थे भी नजर,
भगत कोई रोता होवेगा,

मन चल रे वृन्दावन धाम(Man Chal Re Vrindavan Dham)

मन चल रे वृन्दावन धाम,
राधे राधे गाएंगे,

Chhath Puja 2025 (छठ पूजा 2025 कब है?)

भारत देश त्योहारों का देश है और यहां हर त्यौहार का अपना महत्व और पूजा विधि है। इन्हीं त्यौहारों में से एक है छठ पूजा है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने