बोल सुवा राम राम, मीठी मीठी वाणी रे (Bol Suva Ram Ram Mithi Mithi Vani Re)

बोल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


दोहा – राम किया सुख उपजे,

और कृष्ण किया दुःख जाय,

एक बार हरी ॐ रटे,

तो भव बंधन मिट जाय ॥


बोल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


सोने के डाल सुवा,

पिंजरों घलाउ रे,

पिंजरे में मोत्यां वाली,

झालरी लगाउ रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


चंपा के डाल सुवा,

हिंडोरो घलाउ रे,

हिंडोरे बिठा में थाने,

हाथ स्यु हिंडावु रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


घिरत मिठाई सुवा,

लापसी बनाऊ रे,

आँवले रो रस तने,

घोल घोल पावू रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


पगलिया रे माई तने,

पजड़िया पहनाऊ रे,

मीरा गिरधारी सरने,

आया सुख पाऊ रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥


बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे,

बोंल सुवा राम राम,

मीठी मीठी वाणी रे ॥

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गणेश जी की आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

ओ आए तेरे भवन

ओ, आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण
ओ, आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण

रामचंद्र कह गये सिया से (Ramchandra Keh Gaye Siya Se)

रामचंद्र कह गये सिया से,
हे रामचंद्र कह गये सिया से,

कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर वर्ष अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। दृक पंचांग के अनुसार दिसंबर माह के 18 तारीख को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

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