देखो शिव की बारात चली है (Dekho Shiv Ki Barat Chali Hai)

देखो शिव की बारात चली है,

भोले शिव की बारात चली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,

स्वर्ग में मच गई खलबली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी ॥


शिवगणों से तो भस्मी मंगाई है,

भोले शंकर ने तन पे रमाई है,

देखो शुक्र ने ढोलक उठाया है,

शनिदेवा के हाथों शहनाई है,

लाए खड़ताल बजरंगबली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,

देखों शिव की बारात चली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी ॥


जब पहुंचे हिमाचल के द्वारे है,

हुए बेहोश सब डर के मारे है,

कानो में देखो बिच्छू के कुण्डल है,

गले नाग वासुकि फुफकारे है,

मुख में भोले के आग जगी है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,

देखों शिव की बारात चली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी ॥


गौरा जाने ये शिवजी की माया है,

जान बुझ के औघड़ बन आया है,

शिव के चरणों गुहार लगाई है,

भोले शंकर ने माया हटाई है,

सारी विपदाए अब तो टली है,

भोली सूरत भोले ने बना ली,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,

देखों शिव की बारात चली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी ॥


ब्रम्हा जी ने तो फेरे पड़वाए है,

गौरा को शिव के वाम बिठाए है,

हुई गौरा की भक्तों विदाई है,

भोले संग में कैलाश पे आई है,

गौरा मैया कैलाश चली है,

चन्दन फूलों की वर्षा करा दी,

देखों शिव की बारात चली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी ॥


देखो शिव की बारात चली है,

भोले शिव की बारात चली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,

स्वर्ग में मच गई खलबली है,

सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी ॥

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आया पावन सोमवार,
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प्रदोष व्रत और इसके प्रकार

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