देवों के देव है ये, महादेव कहलाते है (Devon Ke Dev Hai Ye Mahadev Kahlate Hai)

सबको अमृत बांटे,

खुद विष पि जाते है,

देवों के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


ये औघड़ दानी है,

संग मात भवानी है,

दुनिया दीवानी है,

ये डमरू बजाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


माथे पर है चंदा,

और जटा में है गंगा,

कटे चौरासी फंदा,

जो इनका ध्यान लगाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


गले सर्पो की माला,

तन पे है मृगछाला,

पि के भंग का प्याला,

ये भस्म रमाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


शिव शंकर भोलेनाथ,

रख दो मेरे सिर पे हाथ,

दे दो ‘वशिष्ठ’ का साथ,

हम तुम्हे मनाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


सबको अमृत बांटे,

खुद विष पि जाते है,

देवों के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥

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होता है सारे विश्व का, कल्याण यज्ञ से (Hota Hai Sare Vishwa Ka Kalyan Yajya Se)

होता है सारे विश्व का,
कल्याण यज्ञ से ।

राम नवमी पौराणिक कथा

हिन्दू धर्म का रामायण और रामचरितमानस दो प्रमुख ग्रंथ है। आपको बता दें कि आदिकवि वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना की है तो वहीं तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना की है।

तेरे पावन माँ नवरात्रों में, ज्योत तेरी जगाए हुए हैं: भजन (Tere Paawan Maa Navratron Main Jyot Teri Jagaye Huye Hai)

तेरे पावन माँ नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है(Gajanand Maharaj Padharo Kirtan Ki Taiyari Hai)

प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात,
मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥

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