धुला लो पाँव राघव जी, अगर जो पार जाना है (Dhul Lo Paanv Raghav Ji Agar Jo Paar Jana Hai)

धुला लो पाँव राघव जी,

अगर जो पार जाना है,

पार करते हो सब जग को,

पार करते हो सब जग को,

नाव का तो बहाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


तुम्हारे चरणों की धूलि,

सुना है जादू करती है,

जो छू जाए अगर पत्थर,

तो सुन्दर नारी बनती है,

तो सुन्दर नारी बनती है,

जो पत्थर नारी बन जाए,

काठ का क्या ठिकाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


हमारी नाव ही परिवार का,

अंतिम सहारा है,

बिना इसके ओ राघव जी,

कहाँ मेरा गुजारा है,

कहाँ मेरा गुजारा है,

ये नैया जिंदगी मेरी,

ना कोई भी ठिकाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


धुला लो पाँव राघव जी,

अगर जो पार जाना है,

पार करते हो सब जग को,

पार करते हो सब जग को,

नाव का तो बहाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥

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कांवड़ सजा के चालो, सावन ऋतू है आई (Kanwar Saja Ke Chalo Sawan Ritu Hai Aayi)

कांवड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई,

हरि तुम हरो जन की भीर(Hari Tum Haro Jan Ki Bhir)

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श्री ललीता माता चालीसा (Shri Lalita Mata Chalisa)

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अयोध्या सज रही सारी, अवध में राम आये है (Ayodhya Saj Rahi Saari, Awadh Me Ram Aaye Hai)

खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,

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