फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो (Fagun Ki Rut Phir Se Aayi Khatu Nagri Chalo)

फागुन की रुत फिर से आई,

खाटू नगरी चालो,

श्याम निशान उठालो,

श्याम कुंड के पावन जल में,

चलके डुबकी लगालो,

श्याम निशान उठालो ॥


गाँव-गाँव और शहर-शहर से,

तेरी प्रेमी जाते,

लाखों-लाखों रंग-बिरंगे,

श्याम ध्वजा लहराते,

श्याम का जयकारा करते,

करते खाटू को चालो,

श्याम निशान उठालो ॥


श्याम हवेली तक रींगस से,

लंबी लगी कतारें,

फागुन मेला आया भक्तों,

बाबा हमे पुकारे,

लड्डू-मेवे और इत्र का,

भोग श्याम को चढालो,

श्याम निशान उठालो ॥


ये मौका बड़भागी उठावे,

खाटू नगरी जावे,

सांवरिये का दर्शन करके,

माल-खजाना पावे,

अब भी समय है टिकट करा लो,

भाग्य ‘कुणाल’ जगालो ॥


फागुन की रुत फिर से आई,

खाटू नगरी चालो,

श्याम निशान उठालो,

श्याम कुंड के पावन जल में,

चलके डुबकी लगालो,

श्याम निशान उठालो ॥

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वन्दे मातरम् - राष्ट्रगीत (Vande Mataram - National Song)

वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला(Gajanan Ganesha Hai Gaura Ke Lala)

गजानन गणेशा है गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

पुत्रदा एकादशी 2025

पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा या वैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पुत्र या संतान प्राप्ति के लिए उपाय करने से सफलता मिलती है। मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

जय हो जय हो तेरी माँ यशोदा के लाल (Jai Ho Jai Ho Teri Maa Yashoda Ke Lal)

जय हो जय हो तेरी माँ यशोदा के लाल,
ले के अवतार आना गज़ब हो गया,

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