गजानन करदो बेड़ा पार(Gajanan Kardo Beda Paar)

गजानन करदो बेड़ा पार,

आज हम तुम्हे मनाते हैं,

तुम्हे मनाते हैं,

गजानन तुम्हे मनाते हैं ॥

सबसे पहले तुम्हें मनावें,

सभा बीच में तुम्हें बुलावें,

सभा बीच में तुम्हें बुलावें है ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


आओ पार्वती के लाला,

मूषक वाहन सूंड सुन्दाला,

मूषक वाहन सूंड सुन्दाला ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


भक्त जनों ने टेर लगाई,

सबने मिलकर महिमा गाई,

सबने मिलकर महिमा गाई ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


उमापति शंकर के प्यारे,

तू भक्तों के काज सवारे,

तू भक्तों के काज सवारे ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


लड्डू पेडा भोग लगावें,

पान सुपारी पुष्प चढावें,

पान सुपारी पुष्प चढावें ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


गजानन कर दो बेड़ा पार,

आज हम तुम्हे मनाते हैं,

तुम्हे मनाते हैं,

गजानन तुम्हे मनाते हैं ॥

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रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने (Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne)

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

त्रिपुर भैरवी जयन्ती के उपाय

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कुंभ संक्रांति पौराणिक कथा

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