ओ मैया तेरा मुझको, दीदार हो जाए (O Maiya Tera Mujhko Deedar Ho Jaye)

ओ मैया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


कैसे चलेगी मैया,

तूफान में नैया,

तूफान में नैया,

हो जाए एक इशारा,

भव पार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए।

ओ मईया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ख्वाहिश मेरे जीवन की,

ज्यादा बडी नही,

ज्यादा बडी नही,

बस तेरी किरपा मुझपे,

इक बार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मईया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


खाली नही जाउंगी,

जिद पे अड़ी हूँ माँ,

जिद पे अड़ी हूँ माँ,

देखूं दयालु कैसे,

इंकार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए।

ओ मईया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


कर दे मुरादे पूरी,

बस इतना सोच कर,

बस इतना सोच कर,

‘बनवारी’ मुझे भी तेरा,

ऐतबार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मईया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मैया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मैया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


कैसे चलेगी मैया,

तूफान में नैया,

तूफान में नैया,

हो जाए एक इशारा,

भव पार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मईया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ख्वाहिश मेरे जीवन की,

ज्यादा बडी नही,

ज्यादा बडी नही,

बस तेरी किरपा मुझपे,

इक बार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मईया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


खाली नही जाउंगी,

जिद पे अड़ी हूँ माँ,

जिद पे अड़ी हूँ माँ,

देखूं दयालु कैसे,

इंकार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मईया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


कर दे मुरादे पूरी,

बस इतना सोच कर,

बस इतना सोच कर,

‘बनवारी’ मुझे भी तेरा,

ऐतबार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मईया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


ओ मैया तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,

उजड़ा चमन फिर से,

मेरा गुलजार हो जाए ॥


........................................................................................................
गणेश जी की आरती व मंत्र

प्रत्येक महीने दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मार्गशीर्ष महीने में मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की कृपा पाने का उत्तम समय है।

जपा कर बैठ कर बन्दे, राम का नाम प्यारा है (Japa Kar Baith Kar Bande Ram Ka Naam Pyara Hai)

जपा कर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है,

शबरी जयंती क्यों मनाई जाती है?

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाती है, जो भगवान राम और उनकी भक्त शबरी के बीच के पवित्र बंधन का प्रतीक है।

मशीनरी स्थापना की पूजा विधि

किसी भी व्यापारी के जीवन में मशीनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनका पूरा व्यवसाय और रोजगार मशीनों पर निर्भर करता है। इसलिए इन मशीनों का विशेष ध्यान रखना उसकी जिम्मेदारी बन जाती है। यही कारण है कि भारत में विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में मशीनरी पूजा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने