मैं हूँ दासी तेरी दातिए (Main Hoon Daasi Teri Datiye)

मैं हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मेरा प्राणो से प्यारा पति,

मुझसे बिछड़े ना रूठे कभी,

माता रानी इसे मेरी आयु लगे,

ये मनोकामना है मेरी,

माँ तेरे लाल की,

माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धांगिनी,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मैया तू ही मेरी आस है,

मेरा तुझपे ही विश्वास है,

आसरा है तेरा,

मुझपे करना दया,

मेरी तुझसे ये अरदास है,

बिन तेरे प्यार के,

बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मैं हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥

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जया एकादशी चालीसा का पाठ

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

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