मैं हूँ दासी तेरी दातिए (Main Hoon Daasi Teri Datiye)

मैं हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मेरा प्राणो से प्यारा पति,

मुझसे बिछड़े ना रूठे कभी,

माता रानी इसे मेरी आयु लगे,

ये मनोकामना है मेरी,

माँ तेरे लाल की,

माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धांगिनी,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मैया तू ही मेरी आस है,

मेरा तुझपे ही विश्वास है,

आसरा है तेरा,

मुझपे करना दया,

मेरी तुझसे ये अरदास है,

बिन तेरे प्यार के,

बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मैं हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥

........................................................................................................
मेरी विनती सुनो हनुमान, शरण तेरी आया हूँ (Meri Vinti Suno Hanuman Sharan Teri Aaya Hun)

मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,

षटतिला एकादशी पर तिल के उपाय

षटतिला एकादशी माघ महीने में पड़ती है और इस साल यह तिथि 25 जनवरी को है। षटतिला का अर्थ ही छह तिल होता है। इसलिए, इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।

गुप्त नवरात्रि में देवी पूजा कैसे करें

यूं तो नवरात्रि पूरे साल मे 4 बार आती है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो नवरात्रि माघ और आषाढ़ के समय मनाई जाती है। जिन्हें गुप्त नवरात्रि के रूप मे जाना जाता है।

राम नाम से जगमग है (Ram Naam Se Jagmag Hai)

वो कितने धनवान धनी जो
राम के दर्शन पाते हैं

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।