गणपति आज पधारो, श्री रामजी की धुन में (Ganapati Aaj Padharo Shri Ramaji Ki Dhun Me)

गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।

गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


रामजी की धुन में,

श्री रामजी की धुन में ।

मोदक भोग लगाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


गणपति आज पधारो,

और रिद्धि सिद्धि लाओ ।

सुख आनंद बरसाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


हनुमंत आज पधारो,

देवा पवन वेग से आओ ।

बल बुद्धि दे जाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


ब्रम्हाजी पधारो,

माता ब्रम्हाणी को लाओ ।

वेद ज्ञान समझाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


नारद आज पधारो,

छम छम, छम कर ताल बजाओ ।

नारायण गुण गाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


प्रेम मगन हो जाओ भक्तो,

राम नाम गुण गाओ ।

सुर मंदिर में आओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।

गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।

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बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

जया एकादशी चालीसा का पाठ

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

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पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

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