गौरी के पुत्र गणेंश जी, मेरे घर में पधारो (Gauri Ke Putra Ganesh Ji Mere Ghar Mein Padharo)

गौरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


दोहा – सदा भवानी दाहिनी,

सन्मुख रहे गणेश,

पाँच देव रक्षा करें,

ब्रह्मा विष्णु महेश ॥


गौरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो,

घर में पधारो,

कीर्तन में पधारो,

काटो सकल कलेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


एकदन्त दयावन्त चारभुजा धारी,

माथे सिंदूर सोहे मूस की सवारी,

हे सर्व सिद्धि सर्वेश जी,

मेरे घर में पधारो,

गोरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


मोदक प्रिय मुद मंगल दाता,

विद्या वारिधि बुद्धि विधाता,

हे गणपति पुत्र उमेश जी,

मेरे घर में पधारो,

गोरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


शंकर सुवन भवानी के नंदन,

चरण कमल पे शत शत वंदन,

मेरे हृदय करो प्रवेश जी,

मेरे घर में पधारो,

गोरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


गौरी के पुत्र गणेंश जी,

मेरे घर में पधारो,

घर में पधारो,

कीर्तन में पधारो,

काटो सकल कलेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥

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माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

नौ दिन का त्यौहार है आया (Nau Din Ka Tyohaar Hai Aaya)

नौ दिन का त्यौहार है आया,
ध्यान करो माँ नवदुर्गा का,

मनाओ जी गणेश भक्तो(Manao Ji Ganesh Bhakto)

गौरा माता दी अख दा तारा,
शिव शंकर दा राजदुलारा,

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