हे गिरधर गोपाल लाल तू आजा मोरे आँगना (Hey Girdhar Gopaal Laal Tu Aaja More Angana)

हे गिरधर गोपाल लाल तू,

आजा मोरे आँगना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


मैं तो अर्जी कर सकता हूँ,

आगे तेरी मर्जी है,

आनो हो तो आ साँवरिया,

फेर करे क्यों देरी है,

मुरली की आ तान सुनाना,

चाल ना टेढ़ी चालना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


कंचन बरगो थाल सजायो,

खीर चूरमा बाटकी,

दूध मलाई से मटकी भरी है,

आजा जिमले ठाट की,

तेरी ही मर्जी के माफिक,

खाना हो सो खावना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


धन्ना भगत ने तुझे बुलाया,

रूखा सूखा खाया तू,

करमा बाई लाई खीचड़ो,

रूचि रूचि भोग लगाया तू,

मेरी बार क्यों रूठ के बैठ्यो,

भाई ना मेरी भावना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


हे गिरधर गोपाल लाल तू,

आजा मोरे आँगना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


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जय जयकार माता की (Jai Jaikaar Karo Mata Ki)

जय जयकार माता की,
आओ शरण भवानी की

नर से नारायण बन जायें(Nar Se Narayan Ban Jayen Prabhu Aisa Gyan Hamen Dena)

नर से नारायण बन जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
दुखियों के दुःख हम दूर करें, श्रम से कष्टों से नहीं डरें।

पूरब से जब सूरज निकले (Purab Se Jab Suraj Nikle)

पूरब से जब सूरज निकले,
सिंदूरी घन छाए,

गौरी नंदन तेरा वंदन, करता है संसार (Gauri Nandan Tera Vandan Karta Hai Sansar)

गौरी नंदन तेरा वंदन,
करता है संसार,

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