डमरू वाले आजा, तेरी याद सताए (Damru Wale Aaja Teri Yaad Sataye)

डमरू वाले आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए,

छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,

डमरू वालें आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए ॥


मन ये पुकारे दिल के सहारे,

नैना हमारे तेरा रस्ता निहारे,

हर पल विचारे,

छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,

डमरू वालें आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए ॥


दिल कि ये धड़कन,

गीत तेरे गाये,

रोती है अखियाँ नीर बहाए,

कैसे समझाये,

छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,

डमरू वालें आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए ॥


डमरू वाले आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए,

छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,

डमरू वालें आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए ॥


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शरण हनुमत की जो आया (Sharan Hanumat Ki Jo Aaya)

शरण हनुमत की जो आया,
उसे पल में संभाला है,

गजरा गिर गया जमुना जल में (Gajara Gir Gaya Jamuna Jal Me)

जमुना के तट पर,
मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,

काल भैरव जंयती के उपाय

शास्त्रों में भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कालभैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।

शिवजी को काल भैरव क्यों कहते हैं

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में यह तीसरे स्थान पर आता है। उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी है। मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं जुड़ी हुई हैं।

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