डमरू वाले आजा, तेरी याद सताए (Damru Wale Aaja Teri Yaad Sataye)

डमरू वाले आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए,

छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,

डमरू वालें आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए ॥


मन ये पुकारे दिल के सहारे,

नैना हमारे तेरा रस्ता निहारे,

हर पल विचारे,

छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,

डमरू वालें आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए ॥


दिल कि ये धड़कन,

गीत तेरे गाये,

रोती है अखियाँ नीर बहाए,

कैसे समझाये,

छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,

डमरू वालें आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए ॥


डमरू वाले आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए,

छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,

डमरू वालें आजा,

तेरी याद सताए,

मेरा ये भरोसा,

कहीं टूट ना जाए ॥


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मासिक शिवरात्रि पर शिव चालीसा पाठ

हिंदू पंचाग में प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी 14वें दिन मासिक शिवरात्रि के मनाई जाती है। इस विशेष दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है।

किस दिन है चंपा षष्ठी का व्रत

चंपा षष्ठी का पर्व भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप और भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है।

पकड़ लो हाथ बनवारी (Pakad Lo Hath Banwari)

पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे,

श्री गणेश चालीसा

जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥

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