घुमा दें मोरछड़ी(Ghuma De Morchadi)

दोहा:

बाबा थारी मोरछड़ी,

घूमे करे कमाल ।

धूम मची खाटू नगर में,

भक्तां करे धमाल ॥

हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,

संकट काटे खड़ी खड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


शरण पड्या म्हे थारी अरज करा,

खोलो पट बाबा तेरा दरश करा,

तेरो बहुत बड़ो रे नाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

तेरो बहुत बड़ो रे नाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


सांचो रे दयालु तू तो मेहर करे,

भोला भक्तां की बाबा झोलियाँ भरे,

पुजवा रयो खाटू धाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

पुजवा रयो खाटू धाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


बैठ्यो बैठ्यो मिठो मिठो मुस्कावे,

रोता जो भी आवे हँसता जावे,

लहरी सुमिरा सुबहो शाम,

घुमा दें मोरछड़ी,

लहरी सुमिरा सुबहो शाम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥


हीरा मोत्या जड़ी जड़ी,

संकट काटे खड़ी खड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दे मोरछड़ी,

मेरे सर पे बाबा श्याम,

घुमा दें मोरछड़ी ॥

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बीच भंवर में फसी मेरी नैया (Beech Bhawar Mein Fasi Meri Naiya)

बीच भंवर में फसी मेरी नैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,

मैं तो बांके की बांकी बन गई (Main Toh Banke Ki Banki Ban Gayi)

मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा,

पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

जो शिव भोले की, भक्ति में रम जाएगा (Jo Shiv Bhole Ki Bhakti Mein Ram Jayega)

जो शिव भोले की,
भक्ति में रम जाएगा,

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