हार गया हूँ बाबा, अब तो आके थाम रे (Haar Gya Hu Baba Ab To Aake Tham Re)

हार गया हूँ बाबा,

अब तो आके थाम रे,

सुन सांवरे हारे का सहारा,

तेरा नाम रे ॥


दर्दी के तूने बाबा,

दर्द मिटाए,

दुखड़े गिनाऊँ कितने,

जाए ना गिनाएं,

मैंने सुना है दर पे,

मैंने सुना है दर पे,

बनते बिगड़े काम रे,

सुन सांवरे हारे का सहारा,

तेरा नाम रे ॥


काहे करे तू ऐसे,

आँख मिचोली,

हालत पे दुनिया वाले,

करते है ठिठोली,

ले लो शरण में अपनी,

ले लो शरण में अपनी,

आया तेरे धाम रे,

सुन सांवरे हारे का सहारा,

तेरा नाम रे ॥


रोता जो आया उसको,

पल में हंसाया,

‘हर्ष’ दीवाने को क्यों,

तूने बिसराया,

तेरी दया से होगा,

तेरी दया से होगा,

अब तो आराम रे,

सुन सांवरे हारे का सहारा,

तेरा नाम रे ॥


हार गया हूँ बाबा,

अब तो आके थाम रे,

सुन सांवरे हारे का सहारा,

तेरा नाम रे ॥

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मेरो खोय गयो बाजूबंद (Mero Khoy Gayo Bajuband)

उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,

राधे पूछ रही तुलसा से(Radhe Pooch Rahi Tulsa Se)

राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।

नर से नारायण बन जायें(Nar Se Narayan Ban Jayen Prabhu Aisa Gyan Hamen Dena)

नर से नारायण बन जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
दुखियों के दुःख हम दूर करें, श्रम से कष्टों से नहीं डरें।

आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर कैसे करें गणेश पूजा

सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। संकष्टी चतुर्थी प्रमुख रूप से भगवान गणेश जी को समर्पित है। यह प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

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