है अनुपम जिसकी शान, उसको कहते है हनुमान (Hai Anupam Jiski Shan Usko Kahte Hai Hanuman)

है अनुपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान,

अजी सुनो लगाकर कान,

सुनो लगाकर कान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥


राजा राम की लाज बचाई,

लक्ष्मण के तुम जीवनदाई,

लंका को तुमने जलाया,

रावण का बाजा बजाया,

रखते हो तुम मान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥


पवन देव के पुत्र कहाए,

अंजनी माँ के भाग्य जगाए,

एके हाथ सिद्धजन तारे,

दूजे हाथ असुर संहारे,

देखि तुम्हारी बान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥


राम नाम की देत दुहाई,

अब तो मेरा कौन सहाई,

है इनके हम भक्त प्यारे,

लज्जा मान हाथ तुम्हारे,

हो सदा तेरा गुणगान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥


है अनुपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान,

अजी सुनो लगाकर कान,

सुनो लगाकर कान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥

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माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ संयोग

हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 11 दिसंबर 2024 को यह पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन गीता जयंती का भी पर्व होता है।

बालाजीं मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं (Balaji Meri Bigdi Bana Do Mere Balaji)

बालाजी बालाजी,
मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं,

अथ दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला (Ath Durgadwatrishanmala)

श्री दुर्गा द्वात्रिंशत नाम माला" देवी दुर्गा को समर्पित बत्तीस नामों की एक माला है। यह बहुत ही प्रभावशाली स्तुति है। मनुष्य सदा किसी न किसी भय के अधीन रहता है।

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