हर बार तेरे दर पे, नव गीत सुनाएंगे (Har Baar Tere Dar Pe Nav Geet Sunayenge)

हर बार तेरे दर पे,

नव गीत सुनाएंगे,

ढांढण वाली सुन ले,

तेरी महिमा गाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


तुझसे मिलने से हमें,

रोकोगी भला कैसे,

कदमों में लिपट जाए,

वृक्षों से लता जैसे,

सपनों में मिली माँ को,

हम सामने पाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


होगी तृष्णा पूरी,

प्यासी इन अखियन की,

माथे से लगा लेंगे,

धूलि तेरे चरणन की,

चरणामृत लेकर माँ,

हम भव तर जाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


सदियों से सदा हमने,

तेरी आस लगाई है,

पागल मनवा कहता,

माँ तुमको भुलाई है,

पाकर के तेरे दर्शन,

मन को समजाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


चुनकर वन उपवन से,

पुष्पों की मधुर लड़ियाँ,

एक हार बनाया है,

बीती है कई घड़ियाँ,

यह पुष्प भजन माला,

तुझे भेट चढ़ाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


हर बार तेरे दर पे,

नव गीत सुनाएंगे,

ढांढण वाली सुन ले,

तेरी महिमा गाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


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बजरंग बाण (Bajrang Baan)

निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
बिनय करैं सनमान ।

Sanwali Surat Pe Mohan Dil Diwana Ho Gaya (सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया)

सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।

मासिक कार्तिगाई पर्व कब है

मासिक कार्तिगाई हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने आने वाला एक पवित्र दिन है। यह चंद्र मास के कार्तिगाई नक्षत्र के दौरान मनाया जाता है। साल 2025 में फरवरी माह में भी मासिक कार्तिगाई का त्योहार मनाया जाएगा।

घर पर कैसे करें पितरों की पूजा

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाए जाने वाले श्राद्ध को पितृ पक्ष कहते हैं। इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध उनकी तिथि के अनुसार श्रद्धा भाव से विधि-विधानपूर्वक किया जाता है।

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