हर बार तेरे दर पे, नव गीत सुनाएंगे (Har Baar Tere Dar Pe Nav Geet Sunayenge)

हर बार तेरे दर पे,

नव गीत सुनाएंगे,

ढांढण वाली सुन ले,

तेरी महिमा गाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


तुझसे मिलने से हमें,

रोकोगी भला कैसे,

कदमों में लिपट जाए,

वृक्षों से लता जैसे,

सपनों में मिली माँ को,

हम सामने पाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


होगी तृष्णा पूरी,

प्यासी इन अखियन की,

माथे से लगा लेंगे,

धूलि तेरे चरणन की,

चरणामृत लेकर माँ,

हम भव तर जाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


सदियों से सदा हमने,

तेरी आस लगाई है,

पागल मनवा कहता,

माँ तुमको भुलाई है,

पाकर के तेरे दर्शन,

मन को समजाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


चुनकर वन उपवन से,

पुष्पों की मधुर लड़ियाँ,

एक हार बनाया है,

बीती है कई घड़ियाँ,

यह पुष्प भजन माला,

तुझे भेट चढ़ाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


हर बार तेरे दर पे,

नव गीत सुनाएंगे,

ढांढण वाली सुन ले,

तेरी महिमा गाएंगे,

हर बार तेरे दर पें,

नव गीत सुनाएंगे ॥


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माघ पूर्णिमा व्रत विधि

हिंदू धर्म में, पूर्णिमा का विशेष महत्त्व होता है। प्रत्येक महीने में एक बार पूर्णिमा का व्रत आता है। यह माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा भी की जाती है।

मैया सुनले मेरी अरदास (Maiya Sun Le Meri Ardas)

मैया सुनले मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए,

जय गणेश जय गजवदन, कृपा सिंधु भगवान (Jai Ganesh Jai Gajvadan Kripa Sindhu Bhagwan)

जय गणेश जय गजवदन,
कृपा सिंधु भगवान ।

माघ माह में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत?

सनातन धर्म में माघ महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। धार्मिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन होती है।

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