हर हर शंभू - शिव भजन (Har Har Shambhu)

हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव


कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।


सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ॥


हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव


सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्

सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्


वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये

वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये [द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम्]


हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव


अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्


अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्

अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् [द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम्]


हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव


नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय


नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय [शिव पंचाक्षर स्तोत्र]


हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू (शंभू) शंभू (शंभू) शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव


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आषाढ़ कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी (aashaadh krishn paksh ki yogini ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा कि हे श्री मधुसूदन जी ! ज्येष्ठ शुक्ल की निर्जला एकादशी का माहात्म्य तो मैं सुन चुका अब आगे आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है और क्या माहात्म्य है कृपाकर उसको कहने की दया करिये।

मौनी अमावस्या पर कब और कैसे करें स्नान?

माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन मौन साधना करना विशेष लाभदायक माना जाता है। इस साल यह अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

मासिक दुर्गाष्टमी स्तोत्र

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल मासिक दुर्गा अष्टमी का पहला व्रत 07 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

श्री गंगा मैया की आरती

ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥

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