हे ज्योति रूप ज्वाला माँ (Hey Jyoti Roop Jwala Maa)

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,

तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।

हर एक जन इसका परवाना,

हर एक जान इसका पुजारी है ॥

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली


जब कुछ भी न था इस धरती पर,

तेरी ज्योति का नूर निराला था ।

न सूरज, चंदा, तारे थे,

तेरी ज्योति का ही उजाला था ।

कैसी होगी तेरी ज्योति,

जब सूरज एक चिंगारी है ॥

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥


जिस घर में ज्योति जलती है,

वह घर पावन हो जाता है ।

ज्योति से ज्योति मिल जाती,

वह जग में अमर हो जाता है ।

यह ज्योति जीवन देती है,

यह ज्योति पालनहारी है ।

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥


धरती का सीना चीर के माँ,

पाताल लोक से आई है ।

इसकी लीला का अंत नहीं,

कण-कण में यही समय है ।

निर्बल को शक्ति देती है,

यह शक्ति अतुल तुम्हारी है ।

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली

........................................................................................................
श्री हनुमान साठिका (Shri Hanuman Sathika)

जय जय जय हनुमान अडंगी ।
महावीर विक्रम बजरंगी ॥

मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए (Mujhe Tera Sahara Sada Chahiye)

आसरा इस जहाँ का मिले न मिले,
मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए ॥

तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे (Tumko Tumhare Bete Pukare)

तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे,
आ जाओ मैया घर में हमारे ॥

मां ललिता की पूजा विधि

मां ललिता, जिन्हें त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वे शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं और ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने