हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन, हम शरण तिहारी आए है (Hey Pratham Pujya Gaurinandan Hum Sharan Tihari Aaye Hai)

हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है,

श्रद्धा के सुमन अर्पित करने,

हम थाल सजा कर लाए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


तुम रिद्धि सिद्धि के दाता हो,

बल और बुद्धि के प्रदाता हो,

उसको भव पार लगाते हो,

जो नाम तिहारा गाता हो,

नैया भव में है डोल रही,

बड़ी आस लगाकर आए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


तुम्हे शिव शंकर त्रिपुरारी ने,

है प्रथम पूज्य वरदान दिया,

सब देवों ने अपनी शक्ति,

का गणपति तुम्हे वरदान दिया,

पहले सब तुम्हरा नाम जपे,

हम जय जयकार लगाए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


मूसे की सवारी कर के प्रभु,

कैलाश पे लीला दिखाते हो,

माँ गौरा मोदक भोग धरे,

बड़े प्रेम से देवा खाते हो,

हम भी श्रद्धा के मोदक से,

तुम्हे भोग लगाने आए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


कलयुग देवा घनघोर घना,

तुम पार लगाने आ जाओ,

‘चन्दन’ की विनती स्वीकारो,

प्रभु दर्श दिखाने आ जाओ,

हम तुम्हरी जय जयकार करे,

और शीश नवाने आए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥


हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है,

श्रद्धा के सुमन अर्पित करने,

हम थाल सजा कर लाए है,

हे प्रथम पुज्य गौरीनंदन,

हम शरण तिहारी आए है ॥

........................................................................................................
बिजनेस शुरू करने की पूजा विधि

हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले पूजा करने की एक प्राचीन परंपरा रही है। विशेष रूप से व्यवसाय या दुकान की शुरुआत के समय पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

चित्रगुप्त भगवान की पूजा कैसे करें?

भगवान चित्रगुप्त हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। उन्हें कर्मों का लेखाकार माना जाता है। वे सभी मनुष्यों के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और मृत्यु के बाद व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।

श्री भैरव चालीसा (Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने