हे शिव शम्भू करुणा सिंधु(Hey Shiv Shambhu Karuna Sindhu)

हे शिव शम्भू करुणा सिंधु,

जग के पालनहार,

दयालु वंदन बारम्बार,

दयालु वंदन बारम्बार ॥


त्रिलोकी है नाम तुम्हारा,

त्रिलोकी है नाम तुम्हारा,

तेरी दया से जग से उजियारा,

तेरी दया से जग से उजियारा,

कण कण में है वास तुम्हारा,

कण कण में है वास तुम्हारा,

करुणा के भंडार,

दयालु वंदन बारम्बार,

दयालु वंदन बारम्बार ॥


सारे जग के तुम हो स्वामी,

सारे जग के तुम हो स्वामी,

हे जगपालक अंतर्यामी,

हे जगपालक अंतर्यामी,

सियाराम का ध्यान धरे तू,

सियाराम का ध्यान धरे तू,

गिरिजा के भरतार,

दयालु वंदन बारम्बार,

दयालु वंदन बारम्बार ॥


‘हर्ष’ कहूँ क्या तेरी माया,

‘हर्ष’ कहूँ क्या तेरी माया,

तूने ये ब्रम्हांड रचाया,

तूने ये ब्रम्हांड रचाया,

तेरे नाम से हम दीनो का,

तेरे नाम से हम दीनो का,

चलता है संसार,

दयालु वंदन बारम्बार,

दयालु वंदन बारम्बार ॥


हे शिव शम्भू करुणा सिंधु,

जग के पालनहार,

दयालु वंदन बारम्बार,

दयालु वंदन बारम्बार ॥

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दादी के दरबार की, महिमा अपरम्पार (Dadi Ke Darbar Ki Mahima Aprampaar)

दादी के दरबार की,
महिमा अपरम्पार,

कार्तिक पूर्णिमा पर धन लाभ

कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।

Chali Ja Rahi Hai Umar Dheere Dheere Lyrics (चली जा रही है उमर धीरे धीरे)

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यूँ आठों पहर धीरे धीरे,

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

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