भोले भोले रट ले जोगनी (Bhole Bhole Rat Le Jogani)

भोले भोले रट ले जोगनी,

शिव ही बेड़ा पार करे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


उसकी मुक्ति कभी ना होगी,

जो शिव का ना ध्यान धरे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


किया भस्म जब भस्मासुर को,

जो बल पे अभिमान करे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


कामदेव करे भंग तपस्या,

उसे जला के राख करे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


काल भी उसका कुछ ना करता,

जो शिव जी का नाम जपे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


भोले भोले रट ले जोगनी,

शिव ही बेड़ा पार करे,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले,

भोलेनाथ बिना ना मुक्ति मिले ॥


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मासिक शिवरात्रि में ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है।

विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। विनायक चतुर्थी, उन्हीं को समर्पित एक त्योहार है। यह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि पौराणिक कथा

प्रत्येक महीने शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हालांकि, फाल्गुन माह की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

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