हुई गलियों में जय जयकार (Hui Galiyon Mein Jai Jaikaar)

हुई गलियों में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


नाची मन में उमंग,

भरा खुशियों ने रंग,

नाची मन में उमंग,

भरा खुशियों ने रंग,

गूंजी गणपति तेरी जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियों में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


ऊँचा आसान सजाएं,

तुम्हे घर में बिठाएं,

ऊँचा आसान सजाएं,

तुम्हे घर में बिठाएं,

तेरे चरणों में है संसार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियों में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


शिव फुले ना समाये,

गौरा वारि वारि जाए,

शिव फुले ना समाये,

गौरा वारि वारि जाए,

आए जग के पालनहार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियो में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


शंख अंकुश लिए आए,

कमल पाश लिए आए,

शंख अंकुश लिए आए,

कमल पाश लिए आए,

आये मूषक पे होके सवार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियो में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


मनसा पूरी करो,

सबकी झोली भरो,

मनसा पूरी करो,

सबकी झोली भरो,

सारे जग के तुम करतार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियों में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


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है हारें का सहारा श्याम (Hai Haare Ka Sahara Shyam)

है हारे का सहारा श्याम,
लखदातार है तू ॥

मंगलवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी से जुड़ा हुआ है। यह दिन उनके भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना करने के लिए निर्धारित किया गया है।

शिवजी को काल भैरव क्यों कहते हैं

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में यह तीसरे स्थान पर आता है। उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी है। मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं जुड़ी हुई हैं।

मां सरस्वती पूजा विधि

माँ सरस्वती जो ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा की महादेवी मानी जाती हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से माघ शुक्ल पंचमी यानी बसंत पंचमी के दिन की जाती है।

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