जब तें रामु ब्याहि घर आए(Jab Te Ram Bhayai Ghar Aaye)

॥ दोहा॥

श्री गुरु चरन सरोज रज

निज मनु मुकुरु सुधारि ।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु

जो दायकु फल चारि ॥


॥ चौपाई ॥

जब तें रामु ब्याहि घर आए ।

नित नव मंगल मोद बधाए ॥

भुवन चारिदस भूधर भारी ।

सुकृत मेघ बरषहिं सुख बारी ॥1॥


रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई ।

उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई ॥

मनिगन पुर नर नारि सुजाती ।

सुचि अमोल सुंदर सब भाँती ॥2॥


कहि न जाइ कछु नगर बिभूती ।

जनु एतनिअ बिरंचि करतूती ॥

सब बिधि सब पुर लोग सुखारी ।

रामचंद मुख चंदु निहारी ॥3॥


मुदित मातु सब सखीं सहेली ।

फलित बिलोकि मनोरथ बेली ॥

राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ ।

प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ ॥4॥

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मेरा सर ढकने की माई तेरी चूनर काफी है

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।

Choti Holi 2025 (छोटी होली 2025 कब है)

होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे रंगों और उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी होली को होलिका दहन कहा जाता है।

किस्मत को मेरी आज, बना क्यों नहीं देते (Kismat Ko Meri Aaja Bana Kyo Nahi Dete)

किस्मत को मेरी आज,
बना क्यों नहीं देते,

भक्तो के घर कभी आओ माँ (Bhakton Ke Ghar Kabhi Aao Ma)

भक्तो के घर कभी आओ माँ,
आओ माँ आओ माँ आओ माँ,

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