जपे जा तू बन्दे, सुबह और शाम (Jape Ja Tu Bande Subah Aur Sham)

जपे जा तू बन्दे,

सुबह और शाम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


कलयुग में केवल,

यही नाम साँचा,

मिला है किनारा,

जिसने है जाँचा,

पाया है उसने,

पाया है उसने,

वैकुण्ठ धाम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


दो अक्षर में,

सब सुख समाया,

जिसने उचारा,

परम सुख पाया,

हुए है सफल उनके,

हुए है सफल उनके,

हर बिगड़े काम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


करुणा सागर,

है मेरे रघुवर,

इनकी कृपा तो,

होती है सब पर,

करते भला सबका,

करते भला सबका,

मेरे प्रभु राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


जपे जा तू बन्दें,

सुबह और शाम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

जपे जा तू बन्दें,

सुबह और शाम ॥


होगा ह्रदय जब,

अयोध्या सा पावन,

विराजेंगे इसमें,

सियाराम लक्ष्मण,

तेरे संग रहेंगे,

तेरे संग रहेंगे,

प्रभु आठो याम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


अहिल्या को जिनकी,

चरण रज ने तारा,

शिला से बनाया,

नारी दोबारा,

हरेंगे तेरे भी,

हरेंगे तेरे भी,

वो संकट तमाम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


अगर भाव तेरा है,

शबरी के जैसा,

होगा अचानक,

चमत्कार ऐसा,

खुद चल के आयेंगे,

खुद चल के आयेंगे,

प्रभु तेरे धाम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


जपे जा तू बन्दे,

सुबह और शाम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम,

श्री राम जय राम,

जय जय राम ॥


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