जो सुमिरत सिधि होइ (Jo Sumirat Siddhi Hoi)

श्री रामायण प्रारम्भ स्तुति,

जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन ॥

करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ॥ 1 ॥


मूक होइ बाचाल पंगु चढइ गिरिबर गहन ॥

जासु कृपाँ सो दयाल द्रवउ सकल कलि मल दहन ॥ 2 ॥


नील सरोरुह स्याम तरुन अरुन बारिज नयन ॥

करउ सो मम उर धाम सदा छीरसागर सयन ॥ 3 ॥


कुंद इंदु सम देह उमा रमन करुना अयन ॥

जाहि दीन पर नेह करउ कृपा मर्दन मयन ॥ 4 ॥


बंदउ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि ॥

महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर ॥ 5 ॥

........................................................................................................
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?

हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है।

नए वाहन की पूजा विधि

भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इसी कारण, किसी भी नए कार्य की शुरुआत भगवान की आराधना के साथ की जाती है। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण परंपरा वाहन पूजा है।

28 या 29 जनवरी, कब है मौनी अमावस्या?

हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena)

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।