कावड़ियां ले चल गंग की धार (Kawadiya Le Chal Gang Ki Dhar)

कावड़िया ले चल गंग की धार ॥


दोहा – भस्म रमाए बैठे है शंकर,

सज धज के दरबार,

कावड़िया ले आओ कावड़,

राह तके सरकार ॥


कावड़िया ले चल गंग की धार,

जहाँ बिराजे भोले दानी,

करके अनोखा श्रृंगार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


अंग भभुति रमाए हुए है,

माथे चंद्र सजाए हुए है,

भंग तरंग में रहने वाले,

मस्त मलंग वो रहने वाले,

मेरे महांकल सरकार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


शंभू तेरे दर आए है,

कावड़िया कावड़ लाए है,

जपते हर हर बम बम भोले,

झूम झूम मस्ती में डोले,

करते जय जय कार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


कावड़ियां ले चल गंग की धार,

जहाँ बिराजे भोले दानी,

करके अनोखा श्रृंगार,

कावड़ियां ले चल गंग की धार ॥


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बाँधु जिसपे राखी, वो कलाई चाहिए (Bandhu jispe Rakhi wo Kalai chahiye)

बाँधु जिसपे राखी,
वो कलाई चाहिए,

ये होगा साल का सबसे छोटा दिन

प्रत्येक साल में एक दिन सबसे छोटा होता है। दरअसल, इस दिन सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम बिंदु पर होता है। ज्योतिष के अनुसार साल के सबसे छोटे दिन तक भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुके होते हैं।

चाहे सुख हो दुःख हो, एक ही नाम बोलो जी (Chahe Sukh Ho Dukh Ho Ek Hi Naam Bolo Ji)

चाहे सुख हो दुःख हो,
एक ही नाम बोलो जी,

माँ तू है अनमोल(Maa Tu Hai Anmol)

माँ तू है अनमोल,
जो जाने मेरे बोल,

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