केवट राम का भक्त है(Kevat Ram Ka Bhakt Hai)

केवट राम का भक्त है,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,

जल सरयू का गहरा भी है,

पार उसको लगाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


श्रद्धा जितना भी राम से हो,

उसको सौगात उतना मिलेगा,

भूल जीवन में गलती से हो तो,

राम का नाम लेना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


है वनवास जाना तो क्या,

मार्ग जंगल का मुश्किल तो क्या,

साथ भाई का हरदम मिले तो,

माई सीता को लाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


सीता कष्टों को झेले तो है,

सुख दुःख की सहेली भी है,

पिता का वचन भी तो है,

इसे हरपल निभाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


केवट राम का भक्त है,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,

जल सरयू का गहरा भी है,

पार उसको लगाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥

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भादी मावस है आई(Bhadi Mawas Hain Aai)

भादी मावस है आई,
भक्ता मिल ज्योत जगाई,

गणेश जी की आरती व मंत्र

प्रत्येक महीने दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मार्गशीर्ष महीने में मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की कृपा पाने का उत्तम समय है।

नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे(Nand Rani Tero Lala Zabar Bhayo Re)

नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे/री
महारानी तेरो लाला जबर भयो रे/री

अनंग त्रयोदशी की पूजा विधि क्या है?

अनंग त्रयोदशी हिंदू धर्म में प्रेम और दांपत्य जीवन को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इसे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह तिथि 13 दिसंबर को पड़ रही है।

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