ल्याया थारी चुनड़ी, करियो माँ स्वीकार(Lyaya Thari Chunri Karlyo Maa Swikar)

ल्याया थारी चुनड़ी,

करियो माँ स्वीकार,

इमें साँचा साँचा हीरा,

इमें साँचा साँचा हीरा,

और मोत्यां की भरमार,

ल्याया थारी चुनरी,

करियो माँ स्वीकार ॥


चुनरी को रंग लाल चटक है,

तारा भी चिपकाया माँ,

बढ़िया पोत मंगाया जामे,

गोटो भी लगवाया माँ,

थे तो ओढ़ दिखाओ मैया,

थारो मानूंगा उपकार,

ल्याया थारी चुनरी,

करियो माँ स्वीकार ॥


बस इतनी सी कृपा कर द्यो,

सेवा में लग जावा माँ,

म्हाने तो इ लायक कर द्यो,

चुनरी रोज चढ़ावा माँ,

बस टाबरिया पर बरसे,

माँ हरदम थारो प्यार,

ल्याया थारी चुनरी,

करियो माँ स्वीकार ॥


एक हाथ से भक्ति दीजो,

एक हाथ से शक्ति माँ,

एक हाथ से धन दौलत और,

एक हाथ से मुक्ति माँ,

थे तो हर हाथा से दीजो,

माँ थारा हाथ हज़ार,

ल्याया थारी चुनरी,

करियो माँ स्वीकार ॥


गर थे थारो बेटो समझो,

सेवा बताती रहिजो माँ,

‘बनवारी’ गर लायक समझो,

काम उडाती रहिजो माँ,

थारो ‘अमरचंद’ बैठ्यो है,

थारी सेवा में तैयार,

ल्याया थारी चुनरी,

करियो माँ स्वीकार ॥


ल्याया थारी चुनड़ी,

करियो माँ स्वीकार,

इमें साँचा साँचा हीरा,

इमें साँचा साँचा हीरा,

और मोत्यां की भरमार,

ल्याया थारी चुनरी,

करियो माँ स्वीकार ॥

........................................................................................................
है अनुपम जिसकी शान, उसको कहते है हनुमान (Hai Anupam Jiski Shan Usko Kahte Hai Hanuman)

है अनुपम जिसकी शान, उसको कहते है हनुमान,

जाना है मुझे माँ के दर पे (Jana Hai Mujhe Maa Ke Dar Pe)

जाना है मुझे माँ के दर पे,
सुनो बाग के माली,

जयकारा, मेरे केदारेश्वराय जय कारा (JaiKara Mere Kedareshwaray Jai Kara)

संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्,
सदावसन्तं हृदयारविन्दे,

चैत कृष्ण पापमोचनी एकादशी (Chait Krishna Papamochani Ekadashi)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर बोले हे भगवन् ! आपके श्रीमुख से इन पवित्र कथाओं को सुन मैं कृतकृत्य हो गया।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने