माँ अंजनी का प्यारा लाल(Maa Anjani Ka Pyara Lal)

माँ अंजनी का प्यारा लाल,

घोटा हाथ लंगोटा लाल,

जो भी ध्यान लगाए दिल से,

जो भी ध्यान लगाए दिल से,

देता है संकट को टाल,

मां अंजनी का प्यारा लाल,

घोटा हाथ लंगोटा लाल ॥


भोले का अवतार है बजरंग,

वीरों का सरदार है बजरंग,

भक्तों के खातिर दौड़ा आए,

भक्तों के खातिर दौड़ा आए,

और दुष्टों का ये है काल,

मां अंजनी का प्यारा लाल,

घोटा हाथ लंगोटा लाल ॥


श्री राम की आज्ञा पाकर,

ललकारे ये लंका जाकर,

अक्षय को मारे पटक पटक कर,

अक्षय को मारे पटक पटक कर,

रूप धरा कैसा विकराल,

मां अंजनी का प्यारा लाल,

घोटा हाथ लंगोटा लाल ॥


जब अहिरावण ने छल करके,

लाया राम लखन को हर के,

रूप देवी का पहुँचे धर के,

रूप देवी का पहुँचे धर के,

पंचमुखी हनुमत पाताल,

मां अंजनी का प्यारा लाल,

घोटा हाथ लंगोटा लाल ॥


अद्भुत माया है हनुमत की,

रेखा बदले ये किस्मत की,

‘लख्खा’ बात बताए सच्ची,

‘लख्खा’ बात बताए सच्ची,

ध्यान लगा ले ओ ‘राजपाल’,

मां अंजनी का प्यारा लाल,

घोटा हाथ लंगोटा लाल ॥


माँ अंजनी का प्यारा लाल,

घोटा हाथ लंगोटा लाल,

जो भी ध्यान लगाए दिल से,

जो भी ध्यान लगाए दिल से,

देता है संकट को टाल,

मां अंजनी का प्यारा लाल,

घोटा हाथ लंगोटा लाल ॥

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क्या करे इन हाथों का, इतने इतने हाथ (Kya Karein In Hathon Ka Itne Itne Haath)

क्या करे इन हाथों का,
इतने इतने हाथ,

गुरू प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने दो प्रदोष व्रत और पूरे साल में 24 व्रत होते हैं।

श्री रघुपति जी की वंदना (Shri Raghupati Ji Ki Vandana)

बन्दौं रघुपति करुना निधान, जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥
रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस, सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥

सब धामों से धाम निराला, श्री वृन्दावन धाम(Sab Dhamo Se Dham Nirala Shri Vrindavan Dham)

सब धामों से धाम निराला,
श्री वृन्दावन धाम,

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