माँ! मुझे तेरी जरूरत है(Maa! Mujhe Teri Jarurat Hai)

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

कब डालोगी, मेरे घर फेरा

तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

कोई न सहारा, बेसहारा अम्बे राणीऐ,

जाऊँगा ना खाली, तेरे द्वार से

तूँ है मेरी माता यह तो, सारा जग जानता है,

बेटा कह दे, तूँ भी कभी प्यार से

हे माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

मुझे दाती, दुखों ने घेरा

मुझे दाती, दुखों ने घेरा

तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।


तेरे बिना मईया इक्क, पल भी ना गुजरे,

बोल कैसे, जिंदगी गुजारूँ मैं

हर पल याद, सताए तेरी अम्बिके,

हर पल तुझको, पुकारूँ मैं

हे माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

कब होगा, सुखों का सवेरा

कब होगा, सुखों का सवेरा

तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।


कोई भी सवाली तेरे, दर पे जो आया,

कभी खाली ना, लौटाया महारानीए

रखो मेरी लाज, कभी रहूँ ना मोहताज़,

तेरा युगों तक, राज रहे राणीऐ

हे माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

मेरे दिल में, करो बसेरा

मेरे दिल में, करो बसेरा

तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।


झण्डेवाली मईया जो भी, झुका तेरे चरणों में,

झण्डे झूले, उसके आसमान में

तेरा जो दीवाना जग, उसका दीवाना मिले,

मान उसे, सारे ही जहान में

हे माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

मैं चंचल, बाल हूँ तेरा

मैं चंचल, बाल हूँ तेरा

तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।


माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

कब डालोगी, मेरे घर फेरा

तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

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ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,

सजा है प्यारा दरबार बाबा का (Saja Hai Pyara Darbar Baba Ka)

सजा है प्यारा दरबार बाबा का,
भक्तों ने मिलकर के किया है,

इस दिन पड़ेगी साल की आखिरी शिवरात्रि

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

धूम मची है धूम माँ के दर (Dhoom Machi Hai Dhoom Maa Ke Dar)

धूम मची है धूम माँ के दर,
धूम मची है धूम ॥

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