माँ तू ही नज़र आये(Maa Tu Hi Nazar Aaye)

मुँह फेर जिधर देखूं माँ तू ही नज़र आये,

माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥


गैरो ने ठुकराया अपने भी बदल गये है,

हम साथ चले जिनके वो दूर निकल गये है,

तेरे ही रहम पर हूँ, माँ तेरे ही रहम पर हूँ,

तू बख्श या ठुकराये,

बस तू ही नज़र आये,

मुँह फेर जिधर देखूं मां तू ही नज़र आये,

माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥


माना के मैं पापी हूँ तुझे खबर गुनाहो की,

बस इतनी सजा देना मुझे मेरे खताओं की,

तेरे दर हो सर मेरा, तेरे दर हो सर मेरा,

और साँस निकल जाए,

बस तू ही नज़र आये,

मुँह फेर जिधर देखूं मां तू ही नज़र आये,

माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥


हम ख़ाख़ नशीनो की क्या खूब तमन्ना है,

तेरे नाम से जीना है तेरे नाम पे मरना है,

मरना तो है वो तेरी, मरना तो है वो तेरी,

चौखट पे जो मर जाये,

बस तू ही नज़र आये,

मुँह फेर जिधर देखूं मां तू ही नज़र आये,

माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥


सूरज और चंदा का आँखों में उजाला है,

मस्तक में अग्नि की प्रचंड ज्वाला है,

तेरी नजरे करम हो तो,माँ नजरे करम हो तो,

‘गुरदास’ भी तर जाए,

बस तू ही नज़र आये,

मुँह फेर जिधर देखूं मां तू ही नज़र आये,

माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥


मुँह फेर जिधर देखूं माँ तू ही नज़र आये,

माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥

........................................................................................................
है हारें का सहारा श्याम (Hai Haare Ka Sahara Shyam)

है हारे का सहारा श्याम,
लखदातार है तू ॥

वृश्चिक संक्रांति की पूजा विधि

संक्रांति मतलब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना और इसका वृश्चिक राशि में प्रवेश वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। यह दिन सूर्य देव की विशेष पूजा और दान करने के लिए शुभ है और व्यक्ति के भाग्योदय में होता है।

गणेश जी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में गणेश जी को सबसे पहले पूजने की परंपरा है। ऐसे में पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

अप्रैल 2025 में मासिक कार्तिगाई कब है

मासिक कार्तिगाई का हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस पर्व पर भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। यह कार्तिगाई या कृत्तिका नक्षत्र में पड़ता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने