माधो हम ऐसे, तू ऐसा - शब्द कीर्तन (Madho Hum Aise Tu Aisa)

हम पापी तुम पाप खंडन

नीको ठाकुर देसा

माधो माधो.. माधो माधो..

हम ऐसे तू ऐसा


हम मैले तुम ऊजल करते

हम निर्गुण तू दाता

हम मूर्ख तुम चतुर सयाणे

तुम चतुर सयाणे तुम चतुर सयाणे

तू सरब कला का ज्ञाता

माधो माधो.. माधो माधो..

हम ऐसे तू ऐसा

माधो हम ऐसे तू ऐसा


हम पापी, तुम पाप खण्डन

नीको ठाकुर देसा

माधो माधो.. माधो माधो..

माधो हम ऐसे तू ऐसा


तुम सभ साजे साज निवाजे

जीओ पिण्ड दे प्राना

निर्गुणियारे गुण नहीं कोई

गुण नहीं कोई.. गुण नहीं कोई..


हम अवगुण भरे, एक गुण नाही

एक गुण नाही.. एक गुण नाही..

अमृत छाड बिखै बिख खाई

माया मोह भरम पै भूले

सुत दारा सियो प्रीत लगाई

इक उत्तम पंथ सुनेओ गुर संगत

तिह मिलंत जम त्रास मिटाई


इक अरदास भाट कीरत की

गुर रामदास राखहु सरणाई

गुर रामदास.. गुर रामदास..

गुर रामदास.. गुर रामदास..


निर्गुणियारे गुण नहीं कोई

तुम दान देहु मिहरवाना

माधो माधो.. माधो माधो..

हम ऐसे तू ऐसा

माधो हम ऐसे तू ऐसा


तुम करहु भला हम भला न जानह

तुम सदा सदा दयाला

तुम सुखदाई पुरख बिधाते

तुम राखहु अपने बाला


रामैया, हौं बारिक तेरा

रामैया, हौं बारिक तेरा

वाहेगुरु जी, हौं बारिक तेरा

वाहेगुरु जी, हौं बारिक तेरा

काहे न खंडस अवगण मेरा

काहे न खंडस अवगण मेरा


सुत अपराध करत है जेते

जननी चीत न राखस तेते

रामैया, हौं बारिक तेरा

रामैया, हौं बारिक तेरा


तुम राखहु अपने बाला

माधो माधो.. माधो माधो..

माधो माधो.. माधो माधो..


वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु (सिमरन)


तुम निधन अटल सुल्तान

जीअ जंत सभ जाचै

धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी..


तुम हो सभ राजन के राजा

राजन के राजा महाराजन के महाराजा

राजन के राजा महाराजन के महाराजा

एसो राज छोड और दूजा कौन धियाइए

एसो राज छोड और दूजा कौन धियाइए

राजन के राजा महाराजन के महाराजा

महाराजन के महाराजा

राजान राज, भानान भान

देवान देव, उपमा महान

राजान राज, भानान भान

देवान देव, उपमा महान


तेरे कवन कवन गुण कह कह गावां

तू साहिब गुणी निधाना

तुमरी महिमा बरन न साकौं

तू ठाकुर ऊच भगवाना

धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी..

धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी..


तुम निधन अटल सुल्तान

जीअ जंत सभ जाचै

कहो नानक हम इहै हवाला

कहो नानक हम इहै हवाला

राख संतन कै पाछै


माधो माधो.. माधो माधो..

माधो माधो.. माधो माधो..

हम ऐसे तू ऐसा

माधो हम ऐसे तू ऐसा


हम पापी तुम पाप खंडन

तुम पाप खंडन.. तुम पाप खंडन..


धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी..

तुम पाप खंडन.. तुम पाप खंडन..

नीको ठाकुर देसा

माधो माधो.. माधो माधो..

माधो हम ऐसे तू ऐसा


हम पापी तुम पाप खंडन

नीको ठाकुर देसा

माधो माधो.. माधो माधो..

हम ऐसे तू ऐसा

वाहेगुरु जी हम ऐसे तू ऐसा

........................................................................................................
शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से, गंगा की धारा बहती है (Shiv Shankar Tumhari Jatao Se Ganga Ki Dhara Behti Hai)

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है,

मेरी विनती सुनो हनुमान, शरण तेरी आया हूँ (Meri Vinti Suno Hanuman Sharan Teri Aaya Hun)

मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,

मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी (Meri Vinti Yahi Hai Gaura Rani)

मेरी विनती है तुमसे गौरा रानी,
शिवजी से हमें जोड़े रखना,

शबरी रो रो तुम्हे पुकारे (Sabri Ro Ro Tumhe Pukare)

शबरी तुम्हरी बाट निहारे,
वो तो रामा रामा पुकारे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।