जहाँ राम की चर्चा होती, आता बजरंग बाला (Jahan Ram Ki Charcha Hoti Aata Bajrang Bala)

जहाँ राम की चर्चा होती,

आता बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला,

ओ मेरा बजरंग बाला,

राम नाम की धुन में नाचे,

होके ये मतवाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


राम नाम की माला,

हर दम मेरा बाला जपता,

राम नाम को लेकर,

हर काम को पूरा करता,

चुटकी में हर काम को करता,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


लक्ष्मण की जी की मुरछा से जब,

राम का मन घबराया,

संजीव बूटी लाकर के,

लक्ष्मण का प्राण बचाया,

सीता माँ का पता लगाके,

सारी लंका को जलाया,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


भूत पिसाच निकट नहीं आवे,

जब हनुमत नाम उचारा,

भक्त शिरोमणि राम दुलारा,

पूजे जग इन्हें सारा,

‘मिट्ठू’ केसरी नंदन ये तो,

लाल लंगोटे वाला,

मेरा बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


जहाँ राम की चर्चा होती,

आता बजरंग बाला,

मेरा बजरंग बाला,

ओ मेरा बजरंग बाला,

राम नाम की धुन में नाचे,

होके ये मतवाला,

मेरा बजरंग बाला हो,

मेरा बजरंग बाला ॥


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तुलसी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पुजनीय माना जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया और हरिप्रिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।

चलो सालासर भक्तों, बाबा का बुलावां आ गया (Chalo Salasar Bhakto Baba Ka Bulawa Aa Gaya)

बाबा का बुलावा आ गया,
चलो सालासर भक्तो,

दिल में श्री राम बसे हैं, संग माता जानकी(Dil Mein Shree Ram Base Hai Sang Mata Janki)

दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी,

7 अक्टूबर को पड़ रही है उपांग ललिता पंचमी 2024, कौन से हैं पूजा के शुभ मूहूर्त, क्या पूजा विधि और व्रत के लाभ

उपांग ललिता पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

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