जय गणेश गणनाथ दयानिधि (Jai Ganesh Gananath Dayanidhi)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥


जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


प्रथम धरे जो ध्यान तुम्हारो,

तिसके पूरण कारज सारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


लंबोदर गजवदन मनोहर,

कर त्रिशूल परशू वर धारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


ऋद्धि सिद्धि दोऊ चमर ढुलावे,

मूषक वाहन परम सुखारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


ब्रहादिक सुर ध्यावत मन में,

ऋषि मुनिगण सब दास तुम्हारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


ब्रह्मानंद सहाय करो नित

भक्तजनो के तुम रखवारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।

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