मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी (Main To Shiv Ki Pujaran Banugi)

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


मैं तो पहनुँगी जोगन का चोला,

वो है पारस महादेव भोला,

चरण छु कर मैं कुंदन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,


नही मिलते है अनुरागियों को,

शिव तो मिलते है बैरागियो को,

मैं भी उनकी बैरगान बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


करके जी जान से उसकी भक्ति,

शिव से माँगूंगी नारी की मुक्ति,

नारी जाती का दर्पण बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,

मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी,


मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,

अपने भोले की जोगन बनूँगी

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राम नवमी पौराणिक कथा

हिन्दू धर्म का रामायण और रामचरितमानस दो प्रमुख ग्रंथ है। आपको बता दें कि आदिकवि वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना की है तो वहीं तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना की है।

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रिद्धी सिद्धी दातार,
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