मैया बधाईं है बधाईं है (Maiya Badhai Hai Badhai Hai)

मैया बधाई है बधाई है,

बाबा बधाई है बधाई है,

ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,

ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,

मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है ॥


घर घर में कैसी ख़ुशी छाई है,

श्याम दीवाने गावे बधाई है,

घर घर में कैसी ख़ुशी छाई है,

श्याम दीवाने गावे बधाई है,

मन में है अति ख़ुशी छाई है,

मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है ॥


भक्तो ने कैसी धूम मचाई है,

द्वारे पे बाजे शहनाई है,

भक्तो ने कैसी धूम मचाई है,

द्वारे पे बाजे शहनाई है,

बाबा ने सम्पती लुटाई है,

मैया ने बधाई बंटवाई है,

मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है ॥


मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है,

ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,

ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,

मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है ॥

........................................................................................................
ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)

श्री ऋषिपंचमी व्रत कथा (भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को किया जाने वाला व्रत) राजा सुताश्व ने कहा कि हे पितामह मुझे ऐसा व्रत बताइये जिससे समस्त पापों का नाश हो जाये।

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ(Tera Darbar Humne Sajaya Hai Maa)

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ,
तुमको बुलाया है माँ,

विवाह पंचमी पर क्यों होती है केले की पूजा

विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में विशेष उत्सव और शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं।

आरती जगतजननी मैया की (Aarti Jagat Janani Ki Maiya Ki)

जगजननी जय! जय! माँ! जगजननी जय! जय!
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।