मैया के चरणों में, झुकता है संसार (Maiya Ke Charno Me Jhukta Hai Sansar)

मैया के चरणों में,

झुकता है संसार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥


सुख में तो मैया तुझसे,

दूर रहा मैं,

धन पद यश के मद में,

चूर रहा मैं,

जब दुःख ने सताया,

तो आया तेरे द्वार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥


रक्त बीज को मैया,

तुमने ही मारा,

शुम्भ निशुम्भ को मैया,

तूने ही संहारा,

निर्मल मन से करती,

माँ भक्तों पे उपकार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥


भक्ति भाव से जो भी,

शीश झुका दे,

दुनिया का वैभव माँ तू,

उसपे लुटा दे,

‘अनुज सतेंद्र’ बखाने,

तेरी महिमा अपरम्पार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥


मैया के चरणों में,

झुकता है संसार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥

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आ दरश दिखा दे मेरी माँ (Aa Darsh Dikha De Meri Maa)

आ दरश दिखा दे मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,

दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ,
पूरी करे मन की मुराद,

तेरे पावन माँ नवरात्रों में, ज्योत तेरी जगाए हुए हैं: भजन (Tere Paawan Maa Navratron Main Jyot Teri Jagaye Huye Hai)

तेरे पावन माँ नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,

कार्तिगाई दीपम क्यों मनाते हैं

कार्तिगाई दीपम पर्व प्रमुख रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

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