मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा(Man Mera Mandir Shiv Meri Pooja)

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय

सत्य है ईश्वर,

शिव है जीवन,

सुन्दर यह संसार है ।

तीनो लोक हैं तुझमे,

तेरी माया अपरम्पार है ॥


ॐ नमः शिवाय नमो,

ॐ नमः शिवाय नमो

मन मेरा मंदिर,

शिव मेरी पूजा,

शिव से बड़ा,

नहीं कोई दूजा ।

बोल सत्यम शिवम्,

बोल तू सुंदरम,

मन मेरे शिव की महिमा,

के गुण गए जा ॥


पार्वती जब सीता बन कर,

जय श्री राम के सन्मुख आयी ।

राम ने उनको माता कह कर,

शिव शंकर की महिमा गायी ।

शिव भक्ति में सब कुछ सुझा,

शिव से बढ़कर नहीं कोई दूजा ।

॥ बोल सत्यम शिवम्...॥


तेरी जटा से निकली गंगा,

और गंगा ने भीष्म दिया है ।

तेरे भक्तो की शक्ति ने,

सारे जगत को जीत लिया है ।

तुझको सब देवों ने पूजा,

शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा।

॥ बोल सत्यम शिवम्...॥


मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा,

शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा ।

बोल सत्यम शिवम्, बोल तू सुंदरम,

मन मेरे शिव की महिमा के गुण गए जा ॥

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जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये (Jaipur Ki Chunariya Me Layi Sherawaliye)

जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये,

झूला पड्यो है कदम्ब की डार (Jhula Padyo Hai Kadamb Ki Daar)

झूला पड्यो है कदम्ब की डार,
झुलावे ब्रज नारी,

नाग देवता वासुकी की पूजा किस विधि से करें?

सनातन धर्म में 33 करोड़ यानी कि 33 प्रकार के देवी-देवता हैं। जिनकी पूजा विभिन्न विधि-विधान के साथ की जाती है। इन्हीं में एक नागराज वासुकी हैं। वासुकी प्रमुख नागदेवता हैं और नागों के राजा शेषनाग के भाई हैं।

जो विधि कर्म में लिखे विधाता (Jo Vidhi Karam Me Likha Vidhata)

जो विधि कर्म में लिखे विधाता,
मिटाने वाला कोई नहीं,

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