मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार (Mere Banke Bihari Lal Tu Itna Na Nario Shringar)

मेरे बांके बिहारी लाल,

तू इतना ना करिओ श्रृंगार,

नजर तोहे लग जाएगी ।


तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका ।

प्यारा लागे तेरा पीला पटका ।

तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,

नजर तोहे लग जाएगी ॥

मेरे बांके बिहारी लाल...॥


तेरी मुरलिया पे मन मेरा अटका ।

प्यारा लागे तेरा नीला पटका ।

तेरे गुंगार वाले बाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,

नजर तोहे लग जाएगी ॥

मेरे बांके बिहारी लाल...॥


तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका ।

प्यारा लागे तेरा काला पटका ।

तेरे गल में वैजयंती माल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,

नजर तोहे लग जाएगी ॥

मेरे बांके बिहारी लाल...॥


मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,

नजर तोहे लग जाएगी ।

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सत्संगति से प्यार करना सीखोजी(Sat Sangati Se Pyar Karana Sikho Ji)

सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी

दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ,
पूरी करे मन की मुराद,

आई होली सावरिया: भजन (Aae Holi Sawariya)

धूम मचाने आ जइयो आई होली सावरिया,
होली सावरिया आई होली सावरिया,

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। इसी लिए विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता गणेश जी को समर्पित गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि का बनी रहती है।

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