मेरे उज्जैन के महाकाल(Mere Ujjain Ke Mahakal )

तेरी होवे जय जयकार,

मेरे उज्जैन के महाकाल,

उज्जैन के महाकाल मेरे,

उज्जैन के महाकाल,

तेरी होवें जय जयकार,

मेरे उज्जैन के महाकाल ॥


महाकाल सो नाम नहीं,

और उज्जैन सो कोई धाम,

महाकाल सो नाम नहीं,

और उज्जैन सो कोई धाम,

कर ले मेरे महाकाल की भक्ति,

हो जाए सब काम,

कर ले मेरे महाकाल की भक्ति,

हो जाए सब काम,

उनको कर दे बेड़ा पार,

जो आवे है थारे द्वार,

तेरी होवें जय जयकार,

मेरे उज्जैन के महाकाल ॥


उज्जैन के हो राजा,

मेरे महाकाल सरकार,

उज्जैन के हो राजा,

मेरे महाकाल सरकार,

मुझे दे दो अपनी नौकरी,

मेरे खुल जाए सब भाग,

मुझे दे दो अपनी नौकरी,

मेरे खुल जाएं सब भाग,

यो किशन भगत भी बाबा,

तेरे आयो है दरबार,

तेरी होवें जय जयकार,

मेरे उज्जैन के महाकाल ॥


जिंदगी एक धुआ है भाई,

जाने कहां थम जाएगा,

जिंदगी एक धुआँ है भाई,

जाने कहां थम जाएगा,

आजा मेरे महाकाल की नगरी,

जीवन सफल हो जाएगा,

आजा मेरे महाकाल की नगरी,

जीवन सफल हो जाएगा,

उनको कर दे बेड़ो पार,

बाबा जपे जो थारो नाम,

तेरी होवें जय जयकार,

मेरे उज्जैन के महाकाल ॥


तेरी होवे जय जयकार,

मेरे उज्जैन के महाकाल,

उज्जैन के महाकाल मेरे,

उज्जैन के महाकाल,

तेरी होवें जय जयकार,

मेरे उज्जैन के महाकाल ॥

........................................................................................................
दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है

मासिक दुर्गा अष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी साधक मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और लगन से व्रत करता है। मां उन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

हे माँ मुझको ऐसा घर दे(He Maa Mujhko Aisa Ghar De)

हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो,
ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।

बलराम जी की पूजा कैसे करें?

बलराम जी, भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई और शेषनाग के अवतार माने जाते हैं। उन्हें हलधर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे हमेशा हाथ में हल धारण करते थे। बलराम जी शक्ति, बल और कृषि के देवता के रूप में पूजे जाते हैं।

मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में: शिव भजन (Mujhe Daas Bana Ke Rakh Lena Bholenath Tum Apne Charno Mein)

मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में,
मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने