मेरो मॅन लग्यॉ बरसाने मे (Mero Man Lagyo Barsane Mei Jaha Viraje Radharani)

बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा

बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा


मेंरो मन लग्यो बरसाने में,

जहाँ विराजे राधा रानी,

मन हट्यो दुनियाँदारी से,

मन हट्यो दुनियाँदारी से,

जहाँ मिले खरा पानी,


मुझे दुनियाँ से नही कोई काम,

मुझे दुनियाँ से नही कोई काम,

मैं तो रतु राधा राधा नाम,

मैं तो रतु राधा राधा नाम,

दर्शन करू सुबह शाम,

दर्शन करू सुबह शाम,

मेंरे मन में विराजे श्याम दीवानी,

जहाँ विराजे राधा रानी,

॥ मेंरो मन लग्यो बरसाने में..॥


मेंरे मन में ना लगे कोई रंग,

मेंरे मन में ना लगे कोई रंग,

मैं तो रहूँ संतान के संग,

मैं तो रहूँ संतान के संग,

मेंरे मन में बढ़त उमंग,

मेंरे मन में बढ़त उमंग,

बरसाना वृीज की राजधानी,

जहाँ विराजे राधा रानी,

॥ मेंरो मन लग्यो बरसाने में..॥


मुझे दुनियाँ से नही लेना देना,

मुझे दुनियाँ से नही लेना देना,

ये जगत है एक सपना,

ये जगत है एक सपना,

यहा कोई नही अपना,

यहा कोई नही अपना,

मेंरी अपनी ब्रषभान दुलारी,

जहाँ विराजे राधा रानी,

॥ मेंरो मन लग्यो बरसाने में..॥


मेंरो मन लग्यो बरसाने में,

जहाँ विराजे राधा रानी,

मेंरो मन लग्यो बरसाने में,

जहाँ विराजे राधा रानी,

मन हट्यो दुनियाँदारी से,

मन हट्यो दुनियाँदारी से,

जहाँ मिले खरा पानी,


॥ मेंरो मन लग्यो बरसाने में..॥

........................................................................................................
खोलो समाधी भोले शंकर, मुझे दरश दिखाओ(Kholo Samadhi Bhole Shankar Mujhe Darsh Dikhao)

खोलो समाधी भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ,

रंग पंचमी पर इन मंत्रों का करें जाप

रंग पंचमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व होली के ठीक पाँच दिन बाद आता है और इसमें रंगों के माध्यम से देवी-देवताओं की आराधना की जाती है।

ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे, मैया जी का बसेरा है (Unche Unche Pahado Pe Maiya Ji Ka Basera Hai)

ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है,

कब है षटतिला एकादशी

विश्व के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी के व्रत का सनातन धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।