म्हारा उज्जैन का महाराजा ने, खम्मा रे खम्मा(Mhara Ujjain Ka Maharaja Ne Khamma Re Khamma)

म्हारा उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा,

खम्मा रे खम्मा घणी रे खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


ओ बाबा उज्जैन ने खम्मा,

मैया क्षिप्रा जी ने खम्मा,

बाबा राम घाट ने खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


मंगल नाथ जी ने खम्मा,

त्रिशूल हाथ जी ने खम्मा,

भैरव घाट जी ने खम्मा,

डम डम डमरू जी री ताल बोले,

खम्मा रे खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


भोले नाथ जी ने खम्मा,

मैया हरसिद्धि ने खम्मा,

बाबा भैरव जी ने खम्मा,

भक्ता आवे थारा द्वार करता,

खम्मा रे खम्मा,

म्हारा उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


भक्तो ने दर्शन दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी,

भोलेनाथ मेरे शम्भुनाथ जी,

भोलेनाथ मेरे शम्भुनाथ जी,

भक्तो ने दर्शन दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी ॥


दर्शन करने दूर से आयो,

आस दरश की मन में लायो,

दर्शन भीख मने दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी ॥


महाकाल मेरे दुःख हर लीजो,

प्रभु आज खड़ा हूँ द्वार तेरे,

प्रभु आज खड़ा हूँ द्वार तेरे ॥

........................................................................................................
रथ सप्तमी व्रत के शुभ मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाने वाला रथ सप्तमी व्रत इस साल 4 फरवरी को है। यह व्रत प्रमुख रूप से सूर्य देव को समर्पित है। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।

भक्तो का कल्याण करे रे, मेरा शंकर भोला (Bhakto Ka Kalyan Kare Re Mera Shankar Bhola)

भक्तो का कल्याण करे रे,
मेरा शंकर भोला,

शनिवार व्रत कथा और महत्व

सनातन हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। शनिदेव को बहुत जल्दी क्रोध आता है, और इनके क्रोध से सभी बचने की कोशिश करते हैं। माना जाता है कि इनके क्रोध से व्यक्ति पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है।

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी (Banke Bihari Krishan Murari)

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे,
दर्शन दीजो शरण में लीजो,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने