अंजनी के लाला पे, भरोसा जो होगा (Anjani Ke Lala Pe Bharosa Jo Hoga)

अंजनी के लाला पे,

भरोसा जो होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


कांटे मिले तो,

शिकायत ना करना,

उसकी कृपा के,

इशारे समझना,

बिगड़ी वो तेरी,

बनाता ही होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


ढूंढेगा जो तू,

तुझे ना दिखेगा,

आस पास है वो,

एहसास होगा,

अंधेरे में दिपक,

जलाता ही होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


इतना समझ ले,

कदम को बड़ा ले,

तेरे साथ है वो,

मन में बिठाले,

मन में वो बैठा,

बुलाता ही होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


विधि का विधान कोई,

बदल ना पाये,

लीलानंद है तो,

क्यों घबराये,

उजड़ा चमन फिरसे,

सजाता वो होगा ,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


सहारा तुझे सिर्फ,

उनसे मिलेगा,

उनके सिवा तेरी,

कोई ना सुनेगा,

सिर पे वो हाथ तेरे,

फिरता ही होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


अंजनी के लाला पे,

भरोसा जो होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥

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औघड़ दानी रहा अलख जगा (Oghad Dani Raha Alakh Jaga)

जग में हुआ उजाला,
नाची धरती झूमा अम्बर,

सुनलो बाबा बजरंगी, मैं कैसे तुझे रिझाऊं (Sunlo Baba Bajrangi Main Kaise Tujhe Rijhaun)

सुनलो बाबा बजरंगी,
मैं कैसे तुझे रिझाऊं,

शिवरात्रि की महिमा अपार (Shivratri Ki Mahima Apaar)

शिवरात्रि की महिमा अपार,
पूजा शिव की करो,

मां दुर्गा के चमत्कारिक मंदिर

भारत को आध्यात्म और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। वर्तमान में चल रहे महाकुंभ ने फिर से पूरे विश्व में यह बात पहुचाई है। नवरात्रि के अलावा यहां प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भी दुर्गाष्टमी मनाई जाती है।

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