अंजनी के लाला पे, भरोसा जो होगा (Anjani Ke Lala Pe Bharosa Jo Hoga)

अंजनी के लाला पे,

भरोसा जो होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


कांटे मिले तो,

शिकायत ना करना,

उसकी कृपा के,

इशारे समझना,

बिगड़ी वो तेरी,

बनाता ही होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


ढूंढेगा जो तू,

तुझे ना दिखेगा,

आस पास है वो,

एहसास होगा,

अंधेरे में दिपक,

जलाता ही होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


इतना समझ ले,

कदम को बड़ा ले,

तेरे साथ है वो,

मन में बिठाले,

मन में वो बैठा,

बुलाता ही होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


विधि का विधान कोई,

बदल ना पाये,

लीलानंद है तो,

क्यों घबराये,

उजड़ा चमन फिरसे,

सजाता वो होगा ,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


सहारा तुझे सिर्फ,

उनसे मिलेगा,

उनके सिवा तेरी,

कोई ना सुनेगा,

सिर पे वो हाथ तेरे,

फिरता ही होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥


अंजनी के लाला पे,

भरोसा जो होगा,

जो कुछ भी होगा,

अच्छा ही होगा ॥

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जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों मानते हैं

सनातन धर्म में हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

सोमवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोमवार का दिन विशेष महत्व रखता है। इसे "सोमवार" या "सप्तमी" के नाम से जाना जाता है, और यह विशेष रूप से भगवान शिव और चंद्रमा यानी कि सोम से जुड़ा हुआ है।

साल का सबसे शुभ दिन कार्तिक पूर्णिमा

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। इस दिन का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है और इसे पूजा, पाठ और दान के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है।

सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ (Sakhi Ri Bank Bihaari Se Hamari Ladgayi Akhiyan)

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।

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