बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे (Bandha Tha Draupadi Ne Tumhe Char Taar Main)

बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,

चार तार में ।

खूब जान लिया बाँधा,

एक पुष्प-हार में ॥


बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,

चार तार में ।

खूब जान लिया बाँधा,

एक पुष्प-हार में ॥


वृंदा ने प्रेम डोर से,

बाँधा था तुम्ही को ।

वृषभानु किशोरी ने,

तुम्हे एक प्यार में ॥

॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥


बाँधा था तुम्हे साग खिला,

भक्त विधुर ने ।

गणिका ने सुना राम,

बड़ों की पुकार में॥

॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥


बाँधा था पवन पुत्र ने,

बूटी के बाण में ।

केवट ने लिया बाँधा,

पद पखार में ॥

॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥


दो अक्षरों के नाम से,

प्रह्लाद ने बाँधा ।

सबरी ने लिया बाँधा,

तुम्हे बैर चार में ॥

॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥


सदना ने रखा प्रेम,

तराजू में पकड़कर ।

किस अधम ने रखा है,

आंशुओं की धार में ॥

॥ बाँधा था द्रौपदी ने..॥


बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,

चार तार में ।

खूब जान लिया बाँधा,

एक पुष्प-हार में ॥

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कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं (Bhajan: Kalyug Mein Sidh Ho Dev Tumhin Hanuman)

कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।

तेरे द्वार खड़ा भगवान, भक्त भर (Tere Dwaar Khada Bhagawan Bhagat Bhar De Re Jholi)

तेरे द्वार खड़ा भगवान,
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Hari Sundar Nand Mukunda Lyrics (हरि सुंदर नंद मुकुंदा)

हरि सुंदर नंद मुकुंदा,
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जानें कब है विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

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