दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी (Door Nagari Badi Door Nagri)

दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी

कैसे आऊं मैं कन्हैया,

तेरी गोकुल नगरी

कैसे आऊं मैं कन्हाई,

तेरी गोकुल नगरी

बड़ी दूर नगरी


कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी

कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी


रात में आऊं तो कान्हा, डर मोहे लागे

दिन में आऊं तो, देखे सारी नगरी

बड़ी दूर नगरी


कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी

कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी

बड़ी दूर नगरी


सखी संग आऊं कान्हा, शर्म मोहे लागे

अकेली आऊं तो भूल जाऊ डगरी

बड़ी दूर नगरी


कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी

कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी

बड़ी दूर नगरी


धीरे धीरे चालूँ कान्हा, कमर मोरी लचके

झटपट चालूँ तो छलकाए गगरी

बड़ी दूर नगरी


कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी

कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी

बड़ी दूर नगरी


कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी

कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी

बड़ी दूर नगरी

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राम नाम जपते है, मस्ती में रहते है(Ram Naam Japte Hai Masti Mein Rehte Hain)

राम नाम जपते है,
मस्ती में रहते है,

जगमग जगमग जोत जली है, आरती श्री राम जी (Jagmag Jyot Jali Hai Shri Ram Aarti)

जगमग जगमग जोत जली है।
राम आरती होन लगी है॥

प्रदोष व्रत शुभ योग

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर शिव पूजन करने और उपवास रखने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

श्रीकृष्ण लीला: जब बाल कान्हा ने फल वाली अम्मा की झोली हीरे-मोती से भर दी

भगवान अपने भक्तों को कब, कहा, क्या और कितना दे दें यह कोई नहीं जानता। लेकिन भगवान को अपने सभी भक्तों का सदैव ध्यान रहता है। वे कभी भी उन्हें नहीं भूलते। भगवान उनके भले के लिए और कल्याण के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

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