ज्योति कलश छलके (Jyoti Kalash Chhalake)

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

हुए गुलाबी, लाल सुनहरे

रंग दल बादल के

ज्योति कलश छलके


घर आंगन वन उपवन उपवन

करती ज्योति अमृत के सींचन

मंगल घट ढल के

मंगल घट ढल के

ज्योति कलश छलके


पात पात बिरवा हरियाला

धरती का मुख हुआ उजाला

सच सपने कल के

सच सपने कल के

ज्योति कलश छलके


ऊषा ने आँचल फैलाया

फैली सुख की शीतल छाया

नीचे आँचल के

नीचे आँचल के

ज्योति कलश छलके


ज्योति यशोदा धरती मैय्या

नील गगन गोपाल कन्हैय्या

श्यामल छवि झलके

श्यामल छवि झलके

ज्योति कलश छलके


अम्बर कुमकुम कण बरसाये

फूल पँखुडियों पर मुस्काये

बिन्दु तुहिन जल के

बिन्दु तुहिन जल के

ज्योति कलश छलके

........................................................................................................
घर पर कैसे करें पितरों की पूजा

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाए जाने वाले श्राद्ध को पितृ पक्ष कहते हैं। इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध उनकी तिथि के अनुसार श्रद्धा भाव से विधि-विधानपूर्वक किया जाता है।

कौन थे भीष्म के 7 भाई?

भीष्म पितामह गंगा और महाराज शांतनु के आठवें पुत्र थे। गंगा ने अपने पहले सात पुत्रों को जन्म लेते ही नदी में प्रवाहित कर दिया था। इसके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।

हे रोम रोम मे बसने वाले राम(Hey Rom Rom Main Basne Wale Ram)

हे रोम रोम मे बसने वाले राम
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,

गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी (Gauri Ganesh Manau Aaj Sudh Lije Hamari)

गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने