ज्योति कलश छलके (Jyoti Kalash Chhalake)

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

हुए गुलाबी, लाल सुनहरे

रंग दल बादल के

ज्योति कलश छलके


घर आंगन वन उपवन उपवन

करती ज्योति अमृत के सींचन

मंगल घट ढल के

मंगल घट ढल के

ज्योति कलश छलके


पात पात बिरवा हरियाला

धरती का मुख हुआ उजाला

सच सपने कल के

सच सपने कल के

ज्योति कलश छलके


ऊषा ने आँचल फैलाया

फैली सुख की शीतल छाया

नीचे आँचल के

नीचे आँचल के

ज्योति कलश छलके


ज्योति यशोदा धरती मैय्या

नील गगन गोपाल कन्हैय्या

श्यामल छवि झलके

श्यामल छवि झलके

ज्योति कलश छलके


अम्बर कुमकुम कण बरसाये

फूल पँखुडियों पर मुस्काये

बिन्दु तुहिन जल के

बिन्दु तुहिन जल के

ज्योति कलश छलके

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नए वाहन की पूजा विधि

भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इसी कारण, किसी भी नए कार्य की शुरुआत भगवान की आराधना के साथ की जाती है। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण परंपरा वाहन पूजा है।

बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा (Baba Karle Tu Ithe Bhi Nazar Bhagat Koi Rota Hoyega)

बाबा करले तू इत्थे भी नजर,
भगत कोई रोता होवेगा,

कितना सोणा है दरबार, भवानी तेरा (Kitna Sona Hai Darbar Bhawani Tera)

कितना सोणा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान(Milta Hai Sachha Sukh Keval Bhagwan Tere Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में ।
यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥

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