म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ(Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥


जे कोई म्हारी मैया जी ने,

साँचे मन से ध्यावे,

काल कपाल भी मैया जी के,

भगता से घबरावे,

जे कोई पकड़्यो है,

मैया जी रो हाथ,

विको तो कोई काई करसी,

म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥


जो माँ पे बिस्वास करे वो,

खूंटी ताण के सोवे,

बठे प्रवेश करे ना कोई,

बाल ना बांको होवे,

जाके मन में नहीं है विस्वास,

बीको तो मैया कई करसी,

म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥


कलयुग माहि मैया म्हारी,

साँची नाम कमाई,

जद जद भीड़ पड़ी भगता पर,

दौड़ी दौड़ी आई,

या तो घट घट की जाणे सारी बात,

कोई तो म्हारो कई करसी,

म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥


म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,

कोई तो म्हारो कई करसी ॥

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देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,
दौड़े अमृत के लिए,

कृष्ण जन्माष्टमी स्त्रोत

पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 3 का जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

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तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

सिद्ध-कुञ्जिका स्तोत्रम् (Siddha Kunjika Stotram)

सिद्ध-कुञ्जिका स्तोत्रम् श्रीरूद्रयामल के मन्त्र से सिद्ध है और इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती है। इस स्तोत्र को परम कल्याणकारी और चमत्कारी माना जाता है।

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