ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे (O shankar Mere Kab Honge Darshan Tere)

ओ शंकर मेरे,

कब होंगे दर्शन तेरे,

जीवन पथ पर शाम सवेरे,

जीवन पथ पर शाम सवेरे,

छाए है घनघोर अँधेरे,

ओ शंकर मेरें,

कब होंगे दर्शन तेरे ॥


मैं मूरख तू अंतर्यामी,

मैं मूरख तू अंतर्यामी,

मैं सेवक तू मेरा स्वामी,

मैं सेवक तू मेरा स्वामी,

काहे मुझसे नाता तोड़ा,

मन छोड़ा मंदिर भी छोड़ा,

कितनी दूर लगाये तूने,

जा कैलाश पे डेरे,

ओ शंकर मेरें,

कब होंगे दर्शन तेरे ॥


तेरे द्वार पे ज्योत जगाते,

तेरे द्वार पे ज्योत जगाते,

युग बीते तेरे गुण गाते,

युग बीते तेरे गुण गाते,

ना मांगू मैं हीरे मोती,

मांगू बस थोड़ी सी ज्योति,

खाली हाथ न जाऊँगा मैं,

दाता द्वार से तेरे,

ओ शंकर मेरें,

कब होंगे दर्शन तेरे ॥


ओ शंकर मेरे,

कब होंगे दर्शन तेरे,

जीवन पथ पर शाम सवेरे,

जीवन पथ पर शाम सवेरे,

छाए है घनघोर अँधेरे,

ओ शंकर मेरें,

कब होंगे दर्शन तेरे ॥

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शिव ही बसे है कण कण में (Shiv Hi Base Hai Kan Kan Mein)

शिव ही बसे है कण कण में,
केदार हो या काशी,

कब है बसंत पंचमी 2025?

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बहुत खास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

शिव में मिलना हैं (Shiv Mein Milna Hai)

शिव में मिलना है ॥

जय बजरंगी बोले, वो कभी ना डोले (Jay Bajrangi Bole Vo Kabhi Na Dole)

बोले बोले रे जयकारा,
जो बाबा का बोले,

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