पत राखो गौरी के लाल, हम तेरी शरण आये (Pat Rakho Gauri Ke Lal Hum Teri Sharan Aaye)

पत राखो गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


प्रथमे तुम्हे मनाए,

हे संग्राम विजेता,

पूजा करें तुम्हारी,

है देवन के देवा,

शीश झुकाऊं तुम्हे मनाऊ,

मैं तिलक लगाऊ भाल,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


शंकर पिता तुम्हारे,

शिव शंकर कैलाशी,

रिद्धि सिद्धि के स्वामी,

लंबोदर अविनाशी,

मंगल करदो कंठ में भरदो,

मेरे सुंदर सुर और ताल,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


संकट हर लो मेरे,

ए दुख हरने वाले,

झोली भर दो सबकी,

झोली भरने वाले,

जोश तुम्हारे आया द्वारे,

ले कर फूलो के हार,

हम तेरी शरण आये,

पत राखों गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥


पत राखो गौरी के लाल,

हम तेरी शरण आये ॥

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ल्याया थारी चुनड़ी, करियो माँ स्वीकार(Lyaya Thari Chunri Karlyo Maa Swikar)

ल्याया थारी चुनड़ी,
करियो माँ स्वीकार,

बजरंग बाण (Bajrang Baan)

निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
बिनय करैं सनमान ।

अनंत पूजा और विश्वकर्मा पूजा का विशेष संगम

17 सितंबर को एक खास दिन है, जब अनंत चतुर्दशी व्रत, अनंत पूजा और बाबा विश्वकर्मा पूजा एक साथ मनाए जाएंगे। यह दिन भगवान विष्णु और भगवान विश्वकर्मा की विशेष आराधना का अवसर है। इन दोनों पूजा विधियों के धार्मिक महत्व और अनुष्ठानों पर आइए विस्तार से नजर डालते हैं

जया एकादशी उपाय

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